رفتی و ز بعد تو چه بسیار بمیرم
باز-آ و مرا تکیه به دیوار دلت نِه،
مثل تو چرا تکیه به دیوار بمیرم!؟
روزی نشد از بعد تو من گریه نسازم،
چون قطره افتاده به تکرار بمیرم.
مادر، چه کسی، در تو بمیرم، که چه دنیا
از بعد تو شد معنیِ بیکار، بمیرم.
بیمارم و دست تو به پیشانی من کو،
در دست تو، ای دست شفادار بمیرم.
از تو، که خمارم نشکست و تو برفتی،
رفتی تو خمارم، که هزار بار بمیرم؟
چند روز تو را کافتهاَم و از تو نه بویی،
در مشک دگر خِیلهی* عطار، بمیرم.
هر یک قدمم را شمارم، تا تو بدانی،
خواهم، که به نام تو سزاوار بمیرم.
از بعد تو بیهوده نفس میکشم، آچه•،
یکبار دگر آه، که من اینبار بمیرم.
«شاعره رحیمجان»
*دگر خیله: دگرگون
•آچه: مادر
Як бори дигар о, ки ман ин бор бимирам,
Рафтиву зи баъди ту чи бисёр бимирам
Боз ову маро такя ба девори дилат неҳ,
Мисли ту чаро такя ба девор бимирам?!
Рӯзе нашуд аз баъди ту ман гиря насозам,
Чун қатраи уфтода ба такрор бимирам.
Модар, чи касӣ, дар ту бимирам, ки чи дунё
Аз баъди ту шуд маънии бекор, бимирам.
Бемораму дасти ту ба пешонии ман ку,
Дар дасти ту, эй дасти шифодор бимирам.
Аз ту, ки хуморам нашикасту ту бирафтӣ,
Рафтӣ ту Хуморам, ки ду сад бор бимирам?
Чанд рӯз туро кофтааму аз ту на буе,
Дар мушки дигархелаи аттор, бимирам.
Ҳар як қадамамро шумарам, то ту бидонӣ,
Хоҳам, ки ба номи ту сазовор бимирам.
Аз баъди ту беҳуда нафас мекашам, оча,
Як бори дигар о, ки ман ин бор бимирам. Sh. R. 2. 07.2022
2. 07.2022